Poems

दि‍वाली पर कविता 2023 – Short Poem on Diwali in Hindi

दिवाली पर छोटी सी कविता: इस पृष्ठ में हमने दिवाली पर कुछ कविताएं प्रस्तुत की है। जो दीपावली के त्यौहार और भगवान राम पर आधारित हैं, इसमें कुछ कविताएं हमने खुद रचित की है एवं कुछ गूगल के माध्यम से प्रसिद्द कवियों की कविताएं आपको प्रस्तुत कर रहे है। बच्चों के प्रति दिवाली का उत्सव हर्षोउल्लाह के साथ मनाया जाता है परन्तु स्कूलों में शिक्षक विधार्थियों को दिवाली पर कुछ कविताएं लिखने को देते है। इसलिए उन बच्चों के लिए हमने Short Poem on Diwali in Hindi भी लिखीं हैं।

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यदि आप दिवाली पर अपने प्रिय मित्र एवं परिवार वालों को कविता के माध्यम से शुभकामनाएं देना चाहते है तो हमने यहाँ कुछ Happy Diwali Poem in Hindi का संग्रह भी प्रस्तुत किया है, साथ ही कुछ ऐसी कविताएं लिखी है जिसके माध्यम से आप दिवाली की शुभकामनाएं हटके दे सकते है।

भारत त्योहारों के समूह है, प्रतिदिन कोई ना कोई उत्सव देश में अवश्य मनाया जाता है परन्तु दिवाली प्रमुख्य त्योहारों में से एक है। यह हिन्दू धर्म का सबसे बढ़ा त्यौहार है। हर वर्ष बढे ही धूम धाम से मनाया जाता है। भारत ही नहीं अन्य देशों में भी हर्षोउल्लाह के साथ मनाया जाता है। यह दीपों का त्यौहार है जो कार्तिक मास को अक्टूबर या नवंबर के महीने में ही मनाया जाता है।

दीपावली का त्यौहार मुख्य रूप से भगवान राम पर आधारित है क्योंकि चौदह वर्ष के वनवास को पूर्ण करके और रावण का वध करके अयोध्या बापस आए थे। इसी दिन अयोध्यावासियों ने अयोध्या के राजा राम के स्वागत में घी के दिए जलाए थे और पूरे आयोध्या को मिटटी के दीयों से जगमग कर दिया था। उसी दिन से हर वर्ष कार्तिक मास को दिवाली का त्यौहार मनाया जाने लगा।

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दिवाली पर कविता हिंदी में – Diwali Par Kavita

Diwali Poem in Hindi

दिवाली की रात है आई 

दीपों की पंक्ति में हँसती,
दिवाली की रात है आई

दीपा, राजू ने मिल-जुल कर,
घर, आँगन की करी सफाई

पूजा की थाली में सजते,
मेवा, कुमकुम, फूल, मिठाई

फूलझड़ी नाचे मतवाली,
नाचे फिरकी और हवाई

खिल खिल करते हँसे अनार,
बम्बों ने है धूम मचाई

पुण्य सदा जीता है जग में,
यही तो है अटल सच्चाई

प्रेम प्यार का भाव बताती,
दिवाली की रात है आई

– राजेन्द्र निशेश

दिवाली पर छोटी सी कविता – Short Peom on Diwali

Short Poem on Diwali in Hindi

दिवाली की शुभकामनाएं

हैं रोशनी का यह त्यौहार,
लाये हर चेहरा पर मुस्कान
सुख और समृध्दि की बहार,
समेट लो सारी खुशियां
अपनों का प्यार और साथ,
इस पवन अवसर पर
आप सब को दिवाली की शुभकामनाएं!

Best Poem on Diwali in Hindi 

दीपावली का शुभ दिन आ रहा है।

खेतों ने ओढ़ ली है धानी चादर
भूमि पुत्र भी मंद मंद मुस्का रहा है,
दीपावली का शुभ दिन आ रहा है।

मौसम भी करवट बदल रहा है
सर्द ऋतु का आगाज हो रहा है,
दीपावली का शुभ दिन आ रहा है।

चंचल मन हर्षा रहा है
दीपों का त्यौहार आ रहा है,
दीपावली का शुभ दिन आ रहा है।

सब लोग मंगल गीत गा रहे है
ढोल पतासे और घंटियां बजा रहे है,
दीपावली का शुभ दिन आ रहा है।

प्रकृति हो रही है भाव विभोर
चहु खुशियों की लहर उठ रही है,
दीपावली का शुभ दिन आ रहा है।

सब मिलजुल कर घर से जा रहे है
मां लक्ष्मी भी कृपा बरसा रही है,
दीपावली का शुभ दिन आ रहा है।

– नरेंद्र वर्मा

Dipawali Par Kavita in Hindi Language 

Dipawali Par Kavita in Hindi

है दीप पर्व आने वाला

है दीप पर्व आने वाला
हमको भी दीप जलाना है
मन के अंदर जो बसा हुआ
सारा अंधियार मिटाना है

हम दीप जला तो लेते हैं
बाहर उजियारा कर लेते
मन का मंदिर सूना रहता
बस रस्म गुजारा कर लेते

इस बार मगर कुछ नया करें
अंतस का दीप जगाना है

बाहर का अंधियार मिटा
फिर भी ये राह अबूझी है
जब तक अंतर्मन दीप बुझा
देवत्व राह अनबूझी है

सद्ज्ञान राह फैलाकर के
सारा मानस चमकाना है
है दीप पर्व आने वाला।

– देवपुत्र

उम्मीद का दीपक पर कविता – Diwali Poem

उम्मीद का दीपक पर कविता

दीपक जो तेरे पास हो

रोशनी की हर इक किरण में,
दीपक का आगाज़ होता है !
अँधेरा चाहे कितना ही घना हो,
सिर्फ इक किरण का मोहताज़ होता है !
जीवन एक संघर्ष है,
उम्मीद की किरण के लिये !
तपना और जलना जरूरी है,
कंकड़ से स्वर्ण बनाने के लिये !
मिल ही जाती है मंजिल,
हौसला अगर साथ हो !
फिर अँधेरे से क्या गम,
दीपक जो तेरे पास हो !
दीपक जो तेरे पास हो

जब उम्मीदों के दीपक बुझने लगे

जब उम्मीदों के दीपक बुझने लगे,
तो हौसलों के दीपक जला लेना!

जब सारे ख्वाब टूटकर बिखरने लगे,
तो नए ख़्वाबों को दिल में सजा लेना!

दौलतों के दौर में बढ़ रहा है,
तन्हा रहने का चलन!

तन्हा रह कर ही,
अक्सर लोग हार जाते है जिंदगी!

मनो कई बार यें तन्हाई कहती है हमसे,
कुछ नहीं रखा है इस संसार में!

पर सच तो ये है जीवन ही सबसे अनमोल है,
सारी शोहरत लूटाकर भी जीवन बचा लेना!

जीवन में जब भी अकेलापन लगे,
तुम अपनो को अपने पास बुला लेना!

जब उम्मीदों के दीपक बुझने लगे,
तो हौसलों के दीपक जला लेना!

दिवाली पर कविताएं 

देखो देखो दीपावली आई

दीपों का त्योहार दीवाली
खुशियों का त्योहार दीवाली

वनवास पूरा कर आये श्रीराम
अयोध्या के मन भाये श्रीराम

घर-घर सजे , सजे हैं आँगन
जलते पटाखे, फ़ुलझड़ियाँ बम

लक्ष्मी गणेश का पूजन करें लोग
लड्डुओं का लगता है भोग

पहनें नये कपड़े, खिलाते है मिठाई
देखो देखो दीपावली आई।

Poem on Diwali in Hindi

आप और हम मिल, दिवाली मनायेंगे

दीप-दि‍वाली अखण्ड, जलता रहे प्रचण्ड
घर-घर हो प्रकाश, दीप वह जलायेंगे।
जगमग दीप जले, अंधकार पाँव चले
ऐसा ही जला के दीप , तम को हटायेंगे।
ला के प्रकाश, तन मन को सजायेंगे
आओ ‘रतनम’, मेरे संग-संग चले आओ।
आप और हम मिल, दिवाली मनायेंगे

– मनोहर लाल ‘रत्नम्

Short Poem on Diwali in Hindi Font

Short Poem on Diwali in Hindi (1)

दीप के दिव्यार्थ का

पर्व है पुरुषार्थ का,
दीप के दिव्यार्थ का,
देहरी पर दीप एक जलता रहे,
अंधकार से युद्ध यह चलता रहे,
हारेगी हर बार अंधियारे की घोर-कालिमा,
जीतेगी जगमग उजियारे की स्वर्ण-लालिमा,
दीप ही ज्योति का प्रथम तीर्थ है,
कायम रहे इसका अर्थ, वरना व्यर्थ है,
आशीषों की मधुर छांव इसे दे दीजिए,
प्रार्थना-शुभकामना हमारी ले लीजिए,
झिलमिल रोशनी में निवेदित अविरल शुभकामना
आस्था के आलोक में आदरयुक्त मंगल भावना।

Heart Touching Poem on Diwali in Hindi 

Heart Touching Poem on Diwali in Hindi 

आज दिन दिवाली का आया

आज दिन दिवाली का आया
लेकर खुशियों की टोकरी,
महालक्ष्मी सब के घर पधार रही है।

आज दिन दिवाली का आया
आज की काली रात भी हैरान है,
दीपों की रोशनी से पूरा संसार रोशन है।

आज दिन दिवाली का आया
रिद्धि सिद्धि को भी संग में लाया,
भर गया है घर खुशियों से सबका।

आज दिन दिवाली का आया
संग में खुशियों का मेला लेकर आया,
पटाखों की गूंज से पूरा आसमान गूंज उठा।

आज दिन दिवाली का आया
मिठाइयों की मिठास रिश्तो में घुल रही है,
सभी के गिले-शिकवे आज दूर हो रहे है।

आज दिन दिवाली का आया
हो रहे है सब भाव विभोर,
आज दिन खुशियों का आया।

आज दिन दिवाली का आया
दीपों की सुनहरी कतार सजेगी,
आज सभी के घर दीपावली मनेगी।

दीप जलाओ कविता – Diwali Poem

दीप जलाओ दीप जलाओ
आज दिवाली रे
खुशी-खुशी सब हँसते आओ
आज दिवाली रे।

मैं तो लूँगा खील-खिलौने
तुम भी लेना भाई
नाचो गाओ खुशी मनाओ
Aaj दिवाली आई।

आज पटाखे खूब चलाओ
आज दिवाली रे
दीप जलाओ दीप जलाओ
आज दिवाली रे।

नए-नए मैं कपड़े पहनूँ
खाऊँ खूब मिठाई
हाथ जोड़कर पूजा कर लूँ
आज दिवाली आई।

 दिवाली पर कविता संग्रह 

_दिवाली पर कविता संग्रह 

जगमग सबकी मने दिवाली

जगमग सबकी मने दिवाली,
खुशी उछालें भर-भर थाली।
खील खिलौने और बताशे,
खूब बजाएं बाजे ताशे।
ज्योति-पर्व है,ज्योति जलाएं,
मन के तम को दूर भगाएं।
दीप जलाएं सबके घर पर,
जो नम आँखें उनके घर पर।
हर मन में जब दीप जलेगा,
तभी दिवाली पर्व मनेगा।
खुशियाँ सबके घर-घर बाँटें,
तिमिर कुहासा मन का छाँटें।
धूम धड़ाका खुशी मनाएं,
सभी जगह पर दीप जलाएं।
कोई कोना ऐसा हो ना,
जिसमें जलता दीप दिखे ना।
देखो, ऊपर नभ में थाली,
चन्दा के घर मनी दिवाली।
देखो, ढ़ेरों दीप जले हैं,
नहीं पटाखे वहाँ चले हैं।
कैसी सुन्दर हवा वहाँ है,
बोलो कैसी हवा यहाँ है।
सुनो, पटाखे नहीं चलाएं,
धुआँ, धुन्ध से मुक्ति पाए

– आनन्द विश्वास

Diwali Par Ek Acchi Kavita 

आओ मिलकर दीप जलाएं

आओ मिलकर दीप जलाएं
रिश्तो की एक नई प्रीत जगाए,
आओ सब मिलकर दीपावली मनाएं।

आओ मिलकर दीप जलाएं
कर दो ऐसे जग सारा रोशन,
कहीं छूट न जाए कोई कोना अंधियारा।

भूल कर सब द्वेष भावना
दोस्ती का नया दीप जलाएं,
आओ सब मिलकर दीपावली मनाएं।

आओ सब मिलकर रूठो को मनाएं
मिठाईयां बांटकर प्यार की मिठास बढ़ाएं,
आओ सब मिलकर दीपावली मनाएं।

धनतेरस पर सब मिलकर बाजार जाए
भाई दूज को भाई बहन का प्यार बढ़ाएं,
आओ सब मिलकर दीपावली मनाएं।

आओ सब मिलकर उजियारे का दीप जलाएं
अपने मन से क्रोध और इर्ष्या का भूत भगाए,
आओ सब मिलकर दीपावली मनाएं।

आओ सब मिलकर घर-घर जाए
लेकर बड़ों का प्यार और आशीर्वाद,
आओ सब मिलकर दीपावली मनाएं।

– नरेंद्र वर्मा

दिवाली पर छोटी सी कविता

दीप से दीप जलाने का हुनर सीखें हम

दीपमाला में मुसर्रत की खनक शामिल है
दीप की लौ में खिले गुल की चमक शामिल है
जश्न में डूबी बहारों का ये तोहफ़ा शाहिद
जगमगाहट में भी फूलों की महक शामिल है।

आओ अंधकार मिटाने का हुनर सीखें हम
कि वजूद अपना बनाने का हुनर सीखें हम
रोशनी और बढ़े, और उजाला फैले
दीप से दीप जलाने का हुनर सीखें हम।

– शाहिद मिर्ज़ा शाहिद

Short Poem on Diwali for Students 

गजब की दिवाली

धूम धड़ाका बजे पटाखा
भड़ाम से बोला बम फटा था।
सर्र-सर्र से चक्करी चलती
फर्र-फर्र फुलझड़ी फर्राटा।
सूँ-सूँ करके साँप जो निकला
ऐसे लगा, मानो जादू चला था।
फटाक-फटाक चली जो गोली
ऐसा भी पिस्तौल बना था।
ऐसी ग़ज़ब की हुई दिवाली
किलकारी का शोर मचा था।
हुर्रे-हुर्रे, का शोर मचाकर
बच्चों का टोला झूम रहा था।
जगमग हो गई दुनिया सारी
ख़ुशियों का पहिया घूम रहा था

– दीनदयाल शर्मा

दिया पर कविता – Diwali Poem 

दिया पर कविता

मूक जीवन के अँधेरे में, प्रखर अपलक
जल रहा है यह तुम्हारी आश का दीपक !
ज्योति में जिसके नयी ही आज लाली है
स्नेह में डूबी हुई मानों दिवाली है !दीखता कोमल सुगन्धित फूल-सा नव-तन,
चूम जाता है जिसे आ बार-बार पवन !
याद-सा जलता रहे नूतन सबेरे तक,
यह तुम्हारे प्यार के विश्वास का दीपक

– महेन्द्र भटनागर

मेरा प्रिय त्यौहार दिवाली पर कविता 

दीपावली का पर्व है मतवाला

सोने की बाती, चाँदी सा उजाला,
दीपावली का पर्व है मतवाला.
बम फटे और चले पटाखे,
रोशनी से मूंद -मूंद गयी आँखें.
अमावस का धुला दाग काला,
दीपावली का पर्व मतवाला.
फसल आई घर शुभ यही लाभ,
हिसाब नए शुरू यही रंग आम.
बधाई मिठाई का चला है दौर,
साफ़ स्वछता है हर ठौर.
नया कैलेंडर ये बतलाता,
दीपावली का पर्व है मतवाला।

– गफूर ‘स्नेही’

Happy Diwali Poem in Hindi

मन से मन का दीप जलाओ

मन से मन का दीप जलाओ
जगमग-जगमग दि‍वाली मनाओ।

धनियों के घर बंदनवार सजती
निर्धन के घर लक्ष्मी न ठहरती
मन से मन का दीप जलाओ
घृणा-द्वेष को मिल दूर भगाओ।।

घर-घर जगमग दीप जलते
नफरत के तम फिर भी न छंटते
जगमग-जगमग मनती दिवाली
गरीबों की दिखती है चौखट खाली।।

खूब धूम धड़काके पटाखे चटखते
आकाश में जा ऊपर राकेट फूटते
काहे की कैसी मन पाए दिवाली
अंटी हो जिसकी पैसे से खाली
गरीब की कैसे मनेगी दीवाली
खाने को जब हो कवल रोटी खाली
दीप अपनी बोली खुद लगाते
गरीबी से हमेशा दूर भाग जाते।।

अमीरों की दहलीज सजाते
फिर कैसे मना पाए गरीब दि‍वाली
दीपक भी जा बैठे हैं बहुमंजिलों पर
वहीं झिलमिलाती हैं रोशनियां।।

पटाखे पहचानने लगे हैं धनवानों को
वही फूटा करती आतिशबाजियां
यदि एक निर्धन का भर दे जो पेट
सबसे अच्छी मनती उसकी दि‍वाली।।

हजारों दीप जगमगा जाएंगे जग में
भूखे नंगों को यदि रोटी वस्त्र मिलेंगे
दुआओं से सारे जहां को महकाएंगे
आत्मा को नव आलोक से भर देगें।।

फुटपाथों पर पड़े रोज ही सड़ते हैं
सजाते जिंदगी की वलियां रोज है
कौन-सा दीप हो जाए गुम न पता
दिन होने पर सोच विवश हो जाते।

बच्चों के लिए दिवाली पर कविताएं

दिवाली पर चूहे जी ने सूट सिलवाया

दिवाली पर चूहे जी ने,
नया सूट सिलवाया.

बिल्ली रानी ने परिधान,
लन्दन से मंगवाया.

शेरजी ने भी मंगवाई,
जोधपुर की शेरवानी,
बन्दर भैया लेकर आया,
नीला सूट पठानी.

भालू जी का सफ़ेद कोट,
सबके मन को भाया,
हाथी दादा का कुर्ता पाजामा,
कलकत्ता से आया.

जंगल सजा पेड़ मुस्काए ,
पवन चली मतवाली,
धूम धाम से सबने मनाई,
जंगल में दिवाली

– महेंदर कुमार वर्मा

Heart Touching Poem on Diwali (2)

इस दिवाली मैं नहीं आ पाऊँगा,
तेरी मिठाई मैं नहीं खा पाऊँगा,
दिवाली है तुझे खुश दिखना होगा,
शुभ लाभ तुझे खुद लिखना होगा |

तू जानती है यह पूरे देश का त्योहार है
और यह भी मां कि तेरा बेटा पत्रकार है।

मैं जानता हूँ,
पड़ोसी के बच्चे पटाखे जलाते होंगे,
तोरन से अपना घर सजाते होंगे,
तु मुझे बेतहाशा याद करती होगी,
मेरे आने की फरियाद करती होगी।

मैं जहाँ रहूँ मेरे साथ तेरा प्यार है,
तू जानती है न माँ तेरा बेटा पत्रकार है।

भोली माँ मैं जानता हूँ,
तुझे मिठाईयों में फर्क नहीं आता है,
मोलभाव करने का तर्क नहीं आता है,
बाजार भी तुम्हें लेकर कौन जाता होगा,
पूजा में दरवाजा तकने कौन आता होगा।

तेरी सीख से हर घर मेरा परिवार है
तू समझती है न माँ तेरा बेटा पत्रकार है|

मैं समझता हूँ,
माँ बुआ दीदी के घर प्रसाद कौन छोड़ेगा,
अब कठोर नारियल घर में कौन तोड़ेगा,
तू गर्व कर माँ
कि लोगों की दिवाली अपनी अबकी होगी,
तेरे बेटे के कलम की दिवाली सबकी होगी।

लोगों की खुशी में खुशी मेरा व्यवहार है
तू जानती है न माँ तेरा बेटा पत्रकार है!

New Poem on Diwali – Latest Collection

बरस रही है मां लक्ष्मी की कृपा

बरस रही है मां लक्ष्मी की कृपा,
हो रही है सुख और समृद्धि की वर्षा।

मिट जाएगा हर कोने का अंधियारा,
जब दीपो से जगमग होगा जग सारा।

भगवान श्री राम अयोध्या पधार रहे है,
फूलों की वर्षा हो रही है।

सब जन हर्षा रहे है,
हो गया है सब दुखों का नाश।

सब लोग मंगल गान गा रहे है,
फूल, पत्ती, पेड़-पौधे, फसलें लहरा रहे है।

सब लोगों के मुख पर मुस्कान है,
यही तो दीपावली त्योहार की पहचान है।

– नरेंद्र वर्मा

अंतिम शब्द: 

इस पृष्ठ में हमने दीपावली पर कुछ सर्वश्रेष्ठ कविताओं का वर्णन किया है। यह कविताएं स्कूल के कक्षा 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10th के विधार्थियों के लिए मददगार शाबित होंगी। यदि आप दिवाली पर किसी को हटके बधाई देना चाहते है, तो हमने कुछ ऐसी कविताएं भी प्रस्तुत की है जो दिवाली की शुभकामनाएं देने में सही रहेंगी। यह कविताएं भारत के कुछ प्रसिद्द कवियों द्वारा रचित हैं एवं कुछ कविताएं हमने अपनी ओर से प्रस्तुत की हैं। आशा है यह कविताओं का बेहतरीन संग्रह आपको अवश्य पसंद आया होगा।

यदि आप हमें अपने द्वारा लिखी गई कविता साझा करना चाहते है और इस पृष्ठ पर अपनी कविता को जोड़ना चाहते है अपने नाम के साथ तो हमें संपर्क कर सकते है। हम सीग्र ही आपका संग्रह इस पृष्ठ में जोड़ेंगे। धन्यवाद !

यह भी देखें: सफलता पर बधाई संदेश

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